करौली में 1102 किमी सड़के व 4 पुल बनाकर 250 बसावटों को जोड़ा गया

करौली, राजस्थान । स्वतंत्रता के दशकों बाद तक भारत के ग्रामीण क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। इन सुविधाओं तक पहुँचने के लिए एक मार्ग की जरूरत थी। इसी जरूरत को समझते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee) ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ( Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana ) के रूप में भारत के असंबद्ध गांवों को सड़क से जोड़ने की मजबूत नींव रखी।

जिसके तहत सामान्य क्षेत्र की 500 से अधिक एवं मरूस्थलीय तथा आदिवासी क्षेत्र की 250 से अधिक आबादी की बसावटों को सर्वकालिक पक्की सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया तथा आगे चलकर इसमें प्रमुख ग्रामीण सड़कों का चौड़ाईकरण सुदृढ़ीकरण करने का लक्ष्य भी सम्मिलित किया गया। इसी लक्ष्य की प्राप्ति में राजस्थान ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Rajasthan में 25 वर्षों में हुआ 75 हजार किमी सड़कों का निर्माण –

उक्त योजना के तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा गत 25 वर्षाें में प्रदेश में 75 हजार किमी. सड़कों ( Roads ) का निर्माण किया गया एवं 15983 बसावटों, गांवों को ऑलवेदर पक्की सड़कों से जोड़ा गया। यह केवल सड़कों का विस्तार नहीं है बल्कि दूर दराज के गांवों तक शिक्षा ( Education), स्वास्थ्य ( Health ) और नये अवसरों को पहुँचाने की पहल रही है। इस अवधि में करौली जिलें में लगभग 266 करोड़ रुपये की लागत से 1102 किमी. सड़कों का निर्माण करवाकर 250 बसावटों को ऑलवेदर सड़कों से जोड़ा गया है।

Karauli जिले में 886 किमी लंबाई की सड़कों का निर्माण हुआ –

प्रथम चरण में जिलें में लगभग 183 करोड़ रूपये की लागत से 886 किमी. लम्बाई की सड़कों का निर्माण कर 250 बसावटों को ऑलवेदर पक्की सड़कों से जोड़ा गया। इसके साथ ही 248 किमी सड़कों का चौडाईकरण व सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया। जैसे जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया, चयनित थ्रू रूट्स और ग्रामीण सड़क नेटवर्क को अधिक मजबूत करने की जरूरत महसूस की गई। वर्ष 2013 में भारत सरकार ( Government Of India ) ने यह सुनिश्चित किया की सिर्फ नयी सड़कों ( New Roads ) का निर्माण पर्याप्त नहीं है, बल्कि मौजूदा सड़कों के नेटवर्क को और अधिक मजबूत करना भी आवश्यक है।

योजना के दूसरे चरण में जिलें मेें 17 करोड़ रुपये की लागत से 70 किमी. लम्बाई की सड़कों का चौडाईकरण सृदृढ़ीकरण कार्य करवाया गया।

योजना के तीसरे चरण मेें भी मौजूदा मार्गाें व ग्रामीण संपर्क मार्गों को उन्नत किया गया ताकि बसावटों से कृषि बाजारों, कॉलेजों, अस्पतालों, अन्य किसान संबंधित उद्यमों तक सुगम एवं त्वरित connectivity स्थापित की जा सकें। इस चरण में अब तक जिलें में 65 करोड़ रुपये की लागत से 146 किमी की 18 सड़कों का चौड़ाईकरण एवं सुदृढ़ीकरण करवाया गया है।

चौथे चरण के लिए 1638 बसावटें चिन्हित-योजना के चौथे चरण में प्रदेश की 1638 बसावटों को ऑलवेदर सड़कों से जोड़े जाने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके प्रथम फेज में 1216 बसावटों के लिए सड़क व एक पुल का निर्माण करवाया जायेगा। प्रथम फेज में लगभग 2 हजार 89 करोड़ रूपये की लागत से 3219 किमी. नयी सड़कों का निर्माण करवाया जायेगा।

आपके सवाल जो आप पूछना चाहते है ? ( FAQ)

Q.1 करौली जिले में प्रथम चरण में कितनी लंबाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ?

जवाब – करौली जिले में प्रथम चरण में लगभग 183 करोड़ रूपये की लागत से 886 किमी. लम्बाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ।

Q.2 करौली जिले में दूसरे चरण में कितनी लंबाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ?

जवाब – करौली जिले में दूसरे चरण में लगभग 17 करोड़ रूपये की लागत से 70 किमी. लम्बाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ।

Q.3 करौली जिले में तीसरे चरण में कितनी लंबाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ?

जवाब – करौली जिले में तीसरे चरण में 65 करोड़ रूपये की लागत से 146 किमी. लम्बाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ।

Q.4 करौली जिले में चौथे चरण में कितनी लंबाई की सड़कों का निर्माण हुआ है ?

जवाब – करौली जिले में चौथे चरण के प्रथम फेज में 2089 करोड़ रुपए की लागत से 3219 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा ।

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